बदलते मौसम की तरह रिश्ते, हरेक को अब सता रहे हैं।नहीं गिला-शिकवा दुश्मनों से, सितम तो…
Author: vipin Sharma
तुम भी जरा बदलना सीखो!
या तो साथ समय के बदलो!या फिर समय बदलना सीखो!!असफलता गर मिले कभी भी!तो यूं हाथ…
बड़ा शातिर है पड़ोसी वो करे भी तो क्या!
टूटने का महज मंजर दिखाई देता है!नहीं महफूज अब ये घर दिखाई देता है!!मैं कब तलक…
बिकने को तो बिकने वाले, बिक जाते हैं!
है यह बात अलहदा कि वे ज्यादा न टिक पाते हैं,पर तूफां से आंख मिलाकर शिलालेख…
हमको टकराना होगा
कितना गर्म लहू है अपना, अरि को समझाना होगा!खाल खींच दुश्मन की उसमें, भूसा भरवाना होगा!!समझौते…
अभिमान छोड़ोगे तो मुख पर श्याम आयेंगे,
जरा अभिमान छोड़ोगे तो मुख पर श्याम आयेंगे,तुम्हारी पीर हरने को वो आठो याम आयेंगे!नयन को…
निर्वस्त्र द्रोपदी, दुष्ट दुसासन हारेगा
होगी न निर्वस्त्र द्रोपदी, दुष्ट दुसासन हारेगा,और सुदामा से भक्तों की, हर विपदा को टारेगा!चक्र सुदर्शन…
धधकते शोलों को शबनम में ढाल रक्खा है
धधकते शोलों को शबनम में ढाल रक्खा है,खौलते खून से गुस्से को पाल रक्खा है!वक्त आने…
बड़े नादान हैं यह, बात अक्सर भूल जाते हैं।
ज़मी पर पैर न रहते, हवा में झूल जाते हैं,मिले शोहरत ज़रा सी तो, अहं में…
कृष्ण-सुदामा के जैसे अब मित्र कहां मिलते हैं
जीवन को महकाने वाले इत्र कहां मिलते हैं,प्रीत हो जिससे रेखांकित, वे चित्र कहां मिलते हैं।बदल…