न ये इनकार का दिन है न ये इजहार का दिन है,उठा घूंघट धरा के चांद…
Category: मुुक्तक
…मुश्किलों में तपके गोल्ड हो रहा
ऐसा नहीं है उम्र संग ओल्ड हो रहा,नाकामियों को देख क्लीन बोल्ड हो रहा।बढ़ते कदम न…
हरेक गम को मोहब्बत के पिए फिरते हैं…
अब टूटे दिल को भी हाथों में लिए फिरते हैं,डर है रुसवाई का, होंठों को सिए…
टूट जाता था खिलौना तो रोया करते थे,
टूट जाता था खिलौना तो रोया करते थे,अपने चेहरे को आंसुओं से धोया करते थे।कितना हसीन…
जब से तुम मिल गए…
जिंदगी का है जो, सार लिखने लगा,शब्द महके, तो श्रृंगार लिखन लगा।वो धधकते से अंगार लिखता…
मजबूत बहुत है मेरी उम्मीद का सूरज
बेशक, तमाम मुश्किलों का हल नहीं पाया,फिर भी निराश भाव कभी पल नहीं पाया।मजबूत बहुत है…
हमने हंसी की आड़ में हर गम छुपा लिया…
जख्मों को छुपाया और मरहम छुपा लिया,पलकों से अपनी आँख का शबनम छुपा लिया।तुम रोके भी…
…आंखें नम नहीं करना
हंसेगा यह जमाना सोचकर, तुम गम नहीं करना,विफलता भी मिले तो हौसले को कम नहीं करना।गुलों…
हरेक दर्द अपने दिल में दबाए रहना…
गर्दिश-ए-वक्त में हिम्मत को बनाए रहना,और मुस्कान को होंठों पे सजाए रहना।गम-ए-इजहार भूल से भी कभी…
हैं थमती सांस तो रिश्ता, सभी से टूट जाता है…
सफर-ए-जिंदगानी में, सभी कुछ छूट जाता है,हैं थमती सांस तो रिश्ता, सभी से टूट जाता है।मुझे…