होगी न निर्वस्त्र द्रोपदी, दुष्ट दुसासन हारेगा,और सुदामा से भक्तों की, हर विपदा को टारेगा!चक्र सुदर्शन…
Category: मुुक्तक
धधकते शोलों को शबनम में ढाल रक्खा है
धधकते शोलों को शबनम में ढाल रक्खा है,खौलते खून से गुस्से को पाल रक्खा है!वक्त आने…
बड़े नादान हैं यह, बात अक्सर भूल जाते हैं।
ज़मी पर पैर न रहते, हवा में झूल जाते हैं,मिले शोहरत ज़रा सी तो, अहं में…
कृष्ण-सुदामा के जैसे अब मित्र कहां मिलते हैं
जीवन को महकाने वाले इत्र कहां मिलते हैं,प्रीत हो जिससे रेखांकित, वे चित्र कहां मिलते हैं।बदल…
जो भी एहसास के शोलों पे मचल जाएंगे
जो भी एहसास के शोलों पे मचल जाएंगेवे हवाओं के इक झोंके से ही जल जाएंगे।अपना…