कि दिन ज्यादा अच्छे ही आने लगे हैं

हमें अब ये जुमले, डराने लगे हैं।
कि दिन ज्यादा अच्छे ही आने लगे हैं।।

बड़े नेकदिल सबको लगते थे लेकिन।
वही, आज-कल, बरगलाने लगे हैं।।

है लगता बड़ा ही, ये मौसम चुनावी।
वो आपस में हमको, लड़ाने लगे हैं।।

जिन्हें रहनुमाई का सौंपा था जिम्मा।
वही आज सबको, सताने लगे हैं।।

बड़ी खूबसूरत थी तस्वीर जिसको।
बनाने में हमको, जमाने लगे हैं।।

नहीं, जानते माने जम्हूरियत के।
फकत मन की बातें, सुनाने लगे हैं।।

हुआ बदला-बदला सा किरदार उनका।
न जाने कहां, आने-जाने लगे हैं।।

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